राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज अपने ग्वालियर प्रवास के दौरान सर स्व. जीवाजीराव सिंधिया म्यूजियम का अवलोकन किया। इस दौरान राष्ट्रपति के साथ राज्यपाल  मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री  ज्योतिरादित्य सिंधिया थे। जल संसाधन मंत्री एवं मिनिस्टर इन वेटिंग  तुलसी सिलावट, गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, ऊर्जा मंत्री  प्रद्युम्न सिंह तोमर, मंत्रि-परिषद के अन्य सदस्यों एवं सांसद  विवेक नारायण शेजवलकर आदि ने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु का स्वागत किया।

म्यूजियम आगमन पर राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु का लोक एवं शास्त्रीय नर्तकों ने परंपरागत तरीके से स्वागत किया। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने महाराजा जीवाजीराव सिंधिया की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर पुष्प अर्पित किए। राज्यपाल श्री पटेल और मुख्यमंत्री चौहान ने भी पुष्पांजलि दी।

केंद्रीय मंत्री  ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया ने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु को समृद्धशाली और गौरवशाली मराठा इतिहास के बारे में उन्हें बताया। साथ ही मानचित्र के जरिये वर्ष 1758 में मराठा साम्राज्य के विस्तार की जानकारी दी। राष्ट्रपति ने मराठा इतिहास और संस्कृति से जुड़ी कलाकृतियों को देखा।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने संग्रहालय के अवलोकन के दौरान स्कूली बच्चों से भेंट कर उन्हें टॉफी बाँटी तथा बातचीत की। दिव्यांग बालक से भी उन्होंने बातचीत की। उन्होंने दरबार हॉल में गणमान्य नागरिकों से भी बातचीत की।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने संग्रहालय में लोक कला एवं शिल्प प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। लोक कलाकारों से उनके कला-शिल्पों और कला के बारे में जानकारी प्राप्त की। हैंडलूम पर साड़ी बुन रहे बुनकर, लोक-चित्रकार, लकड़ी की कलाकृतियाँ, माटी के बर्तन बनाने वाले कलाकार की कलाकृतियों की सराहना की, पिछले 60 वर्षों से सिंधिया राजवंश की पगड़ी बांधने वाले कलाकार मोहम्मद रफीक अहमद से भेंट कर उसकी कला को भी सराहा। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने टेराकोटा व्हील पर मिट्टी के बर्तन बना रहे  छैलन बिहारी प्रजापति और कालीन बुनकर  राकेश सविता से भी भेंट की।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने स्कूली बच्चों, सभी कलाकारों, लोक नर्तकों, शास्त्रीय नर्तकों के साथ समूह फोटो भी खिंचवाया।